पुलिस बलों के सैन्य वर्दी पहनने पर एतराज, बिक्री को लेकर नियम बनाने पर जोर


सेना ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य पुलिस कर्मियों के युद्धक वर्दी पहनने पर चिंता जताई है। दरअसल कुछ सशस्त्र बलों के जवानों ने 23 फरवरी को एक प्रदर्शन के दौरान सेना से मिलती-जुलती वर्दी पहनी थी। सैन्य सूत्रों ने बुधवार को कहा कि इन बलों को सेना जैसी वर्दी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही बाजारों में सेना जैसी वर्दी की बिक्री पर नियम बनाने पर भी बल दिया।


सूत्रों ने बताया कि एक समय के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस और राज्य पुलिस के जवान कानून-व्यवस्था को बहाल करने के दौरान युद्धक वर्दी पहनना शुरू कर दिया, जो भारतीय सेना की वर्दी से मिलती-जुलती है। वर्दी में मामूली अंतर को ज्यादातर आम नागरिक पहचान नहीं पाते हैं और उन्हें ऐसा भ्रम होता है कि सेना को आंतरिक सुरक्षा, वीवीआईपी की सुरक्षा या चुनाव ड्यूटी में लगा दिया गया है। इससे हमारी छवि पर उल्टा असर पड़ेगा, क्योंकि हम एक लोकतांत्रिक देश हैं।

उन्होंने कहा कि सेना ने केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस के सेना से मिलती-जुलती युद्धक वर्दी पहनने के बढ़ते चलन के बारे में गृह मंत्रालय को समय-समय पर लिखा है। मंत्रालय ने 2016 में सेना से मिलती-जुलती वर्दी नहीं बेचने के बारे में तो कहा, लेकिन अब तक कोई औपचारिक निर्देश जारी नहीं किया। उन्होंने कहा कि बुलेट प्रूफ जैकेट धड़ के अधिकांश हिस्से को ढक लेती है, इसलिए केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस को खाकी रंग की बुलेट प्रूफ जैकेट पहननी चाहिए, सेना के रंग वाली नहीं।