बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म को दिया अंजाम, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई मौत की सजा

 इंदौर में अपहरण और दुष्कर्म के बाद चार वर्षीय बच्ची की हत्या करने के जुर्म में यौन मनोविकृति के शिकार 28 वर्षीय एक व्यक्ति को जिला अदालत ने सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) वर्षा शर्मा ने मामले को विरल से भी विरलतम प्रकरण की श्रेणी में रखते हुए अंकित विजयवर्गीय (28) को मृत्युदंड सुनाया।



विजयवर्गीय को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (ए) (दुष्कर्म के दौरान आई चोटों से पीड़ित की मृत्यु) और इसी विधान की धारा 302 (हत्या) के तहत सजा-ए-मौत सुनाई गई। उसे भारतीय दंड विधान की ही अन्य संबद्ध धाराओं और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) के तहत भी दोषी करार दिया गया।

जिला अभियोजन अधिकारी अकरम शेख ने बताया कि अदालत में विजयवर्गीय पर जुर्म साबित करने में डीएनए रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज ने अहम भूमिका निभाई। सीसीटीवी फुटेज में मुजरिम मौका-ए-वारदात के आस-पास टहलता और अपहरण के बाद बच्ची को गोद में उठाकर भागता दिखाई दिया था।

उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष ने मुकदमे में अदालत के सामने 29 गवाह पेश किए थे। इनमें जघन्य वारदात की शिकार बालिका के माता-पिता शामिल हैं।

विजयवर्गीय ने नजदीकी कस्बे महू में चार वर्षीय बच्ची को एक दिसंबर 2019 को देर रात उस समय अगवा किया, जब वह अपने माता-पिता के साथ पेड़ के नीचे सो रही थी। बच्ची का बेघर परिवार भीख मांगकर गुजारा करता है।