तस्करी में फिर धरा गया पाकिस्तान

वाशिंगटन, एजेंसियां।  पाकिस्तान परमाणु तकनीक की चोरी और तस्करी से बाज नहीं आ रहा है। इसके लिए उसने बाकायदा एक अंतरराष्ट्रीय खरीद नेटवर्क बना रखा है, जो पाकिस्तानी मुखौटा कंपनी के नाम पर अमेरिका से संवेदनशील सामान की खरीद करता है। अमेरिका में इस नेटवर्क के लिए काम करने वाले पांच लोगों को दोषी ठहराया गया है। अमेरिकी जस्टिस विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि संवेदनशील सामान की चोरी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के साथ ही भारत और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन के लिए खतरा है।



  •  मुखौटा कंपनी के लिए काम करने वाले पांच अमेरिका में दोषी करार

  •  भारत के साथ ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा


गौरतलब है कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बिना किसी महारत के ही पाकिस्तान चोरी और तस्करी के बल पर परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल हासिल कर लिए हैं। इन लोगों के दोषी ठहराए जाने से एक बार फिर साफ हो गया है कि पाकिस्तान अभी भी अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए चोरी और तस्करी पर ही निर्भर है। अमेरिकी जस्टिस विभाग ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि दोषी ठहराए गए पांचों लोग रावल¨पडी स्थित मुखौटा कंपनी ‘बिजनेस वल्र्ड’ के लिए काम करते थे। लेकिन वास्तव में ये पाकिस्तान के एडवांस इंजीनियरिंग रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एइआरओ) और पाकिस्तान एटॉमिक इनर्जी कमीशन (पीएईसी) के लिए अमेरिका से संवेदनशील सामान खरीदने और उसे निर्यात करने का नेटवर्क चलाते थे।


इन पांचों की पहचान पाकिस्तान के 41 वर्षीय मुहम्मद कामरान वली, कनाडा के 48 वर्षीय मुहम्मद असहान वली और 82 वर्षीय हाजी वली मुहम्मद शेख, हांगकांग के अशरफ खान मुहम्मद और ब्रिटेन के 52 वर्षीय अहमद वाहीद के रूप में हुई है। अमेरिका की संघीय अदालत ने इन्हें इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनोमिक पॉवर एक्टर और एक्पोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्ट के उल्लंघन की साजिश रचने का दोषी ठहराया है। राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन डेमर्स ने कहा कि ये पांचों उन इकाइयों के लिए संवेदनशील अमेरिकी सामान की तस्करी कर रहे थे, जो वर्षो से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई हैं।